Friday, 16 September 2011

jago

कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों एक ही मालिक (कॉर्पोरेट) की सेवा में हैं. उदारीकरण-निजीकरण के दौर में अवाम को पार्टियों का समर्थन या विरोध छोड़ कर उदारीकरण को रोकनेवाली नीतियों को अजेंडा बनाना होगा. एक पार्टी को सत्ताच्युत कर, दूसरी को लाने से कुछ नहीं निकलनेवाला. दूसरा रास्ता क्रांति का है, जो भारत में मुमकिन नहीं

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